क्लासमेट
सचमुच अनोखे होते हैं
कुछ लोग
हर किसी की ज़िंदगी में।
जिस तरह से तुम हो
शामिल मेरी ज़िंदगी में।
सोचते हैं क्या नाम दें
इस रिश्ते को
क्योंकि ये प्यारा है
कहीं ज्यादा किसी
साधारण-सी दोस्ती से
और फिर तुम मेरी
महबूबा भी तो नहीं हो।
कई बार ये सोचता हूँ
तुम हो सिर्फ़ मेरी क्लासमेट
मगर दिल नहीं मानता इस
फॉर्मल-से रिश्ते को।
और समझने लगता है तुम्हें
बेहद करीबी जिससे
शेयर किए जा सकते हैं
हज़ारों राज़, हर बात।
ख़ैर ये अलग बात है कि
तुम्हें देखके नज़रें नहीं हटती
एकदम-से तुम पर से।
और कई बार राह देखती हैं
नज़रें तुम्हें कॉलेज में
न पाकर।
तुम्हारी मुस्कुराहट और
अदाबत सचमुच मिसाल हैं
तुम्हारी ज़िंदादिली की।
तुम्हारी ये सारी बातें मुझे
अक्सर कर देती हैं मज़बूर
सोचने पर।
मगर मैं रिश्तों की परवाह
करने में थोड़ा कच्चा हूँ
और तुम्हें समझता हूँ केवल
एक सच्ची क्लासमेट।
-रिज़वान रिज़
कुछ लोग
हर किसी की ज़िंदगी में।
जिस तरह से तुम हो
शामिल मेरी ज़िंदगी में।
सोचते हैं क्या नाम दें
इस रिश्ते को
क्योंकि ये प्यारा है
कहीं ज्यादा किसी
साधारण-सी दोस्ती से
और फिर तुम मेरी
महबूबा भी तो नहीं हो।
कई बार ये सोचता हूँ
तुम हो सिर्फ़ मेरी क्लासमेट
मगर दिल नहीं मानता इस
फॉर्मल-से रिश्ते को।
और समझने लगता है तुम्हें
बेहद करीबी जिससे
शेयर किए जा सकते हैं
हज़ारों राज़, हर बात।
ख़ैर ये अलग बात है कि
तुम्हें देखके नज़रें नहीं हटती
एकदम-से तुम पर से।
और कई बार राह देखती हैं
नज़रें तुम्हें कॉलेज में
न पाकर।
तुम्हारी मुस्कुराहट और
अदाबत सचमुच मिसाल हैं
तुम्हारी ज़िंदादिली की।
तुम्हारी ये सारी बातें मुझे
अक्सर कर देती हैं मज़बूर
सोचने पर।
मगर मैं रिश्तों की परवाह
करने में थोड़ा कच्चा हूँ
और तुम्हें समझता हूँ केवल
एक सच्ची क्लासमेट।
-रिज़वान रिज़
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Thankyou...
-Rizwan Riz