सब याद रक्खा जाएगा

ये नफरतें, मुहब्बतें
ये सिरफिरी सियासतें।
ये दूरियाँ, मज़बूरियाँ
ये दुःखद कहानियाँ।
सब याद रक्खा जाएगा।

अमीर लोग, ग़रीब लोग
भूखे लोग, प्यासे लोग
तड़पते लोग, बिलखते लोग
मज़दूर लोग, मज़बूर लोग
और सड़को पे दम तोड़ते लोग
सब याद रक्खा जाएगा।

ये नम आँखे मासूमों की
ये नन्हें पैरों में छाले।
सपने लिए घर जाने के
ये भूखे पेट, प्यासे गले।
ये बेबसी, ये बे-क़दरी
और ये सरकारों की चुप्पी
सब याद रक्खा जाएगा।

ये झूठे वादों की सरकार
ये नफ़रतों से भरे अख़बार
ये दलाली करती मीडिया
सच छुपाती, झूठ दिखाती
नफ़रत फैलाती मीडिया।
और आग लगाती मीडिया।
सब याद रक्खा जाएगा।

-रिज़वान रिज़

Comments

Popular posts from this blog

तुम लौट आओगे

वो प्यारे दिन

रिज़वान रिज़ की बुक ख़रीदें।