इस तरह तो ज़िंदगी नहीं जी सकते।

इस तरह तो ज़िंदगी नहीं जी सकते।
ऐं मौत! हम तेरे बिना नहीं जी सकते।

ताउम्र हमें बस तेरा इंतेज़ार ही रहा है।
आजाओ के अब और नहीं जी सकते।

ये सच्ची ज़ुबाँ हैं इस दिल में बग़ावत है।
देखके सबकुछ होंठों को नहीं सी सकते।

बेचारे समंदरों की ज़रा बेबसी तो देखो।
सदियों से प्यासे हैं, पानी नहीं पी सकते।

-रिज़वान रिज़

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