हम तो टूट ही चुके हैं

हम तो टूट ही चुके हैं, इसे तो जुड़ा रहने दो
मुफ़्त में सूख जाएगा डाली से लगा रहने दो।

बेशक़ मर रहा हूँ मगर ज़िंदा भी उसी से हूँ
उसका भूत मेरे सिर पे चढ़ा रहने दो।

उसकी ख़ुशबू मुझे बुलाती है यहाँ बार-बार
कुछ देर और मुझे यहाँ खड़ा रहने दो।

मैं एक को मनाता हूँ दूसरा रूठ जाता है
इससे बेहतर है जो सड़ा है सड़ा रहने दो।

तकल्लुफ़ नहीं ये हमारे यहाँ का रिवाज़ है
मेरे बड़े अभी बैठे हैं मुझे खड़ा रहने दो।

ये लोगों की दुनिया है आख़िर 'रिज़वाँ'
कोई कुछ भी कहे उसे कहता रहने दो।

-रिज़वान रिज़

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