मुझे इस हाल में होने दो न..

मुझे इस हाल में होने दो न।
जी  भर के  तुम रोने दो न।

यूँ आराम मिले दो पल का।
अपनी बाहों में  सोने दो न।

बिखर रही साँसें, मोती-सी।
इनकी इक माला पोने दो न।

जिससे कोई  प्रेम उग  सके।
वो बीज मुझे तुम बोने दो न।

तनहा होने  में डर लगता है।
भीड़ में मुझको  खोने दो न।

तुम अब बस मेरी हो जाओ।
मुझको अपना  होने  दो  न।

आओ पहले मिलन करें हम।
जो होता है, अब होने दो न।

- रिज़वान रिज़


**ख़ुद के हाथों पे यक़ीन करो।
    सोई तकदीर को सोने दो न।

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