हर शख़्स में बस तू नज़र आता है
हर शख़्स में बस तू नज़र आता है
वो अलग बात है तू नज़र नहीं आता।
लगता है तू मेरा था, मेरा ही तो था
वरना उम्र भर यूँ याद नहीं आता।
वो कहता है कि अब मेरा नहीं है वो
उसे अपना ही साया नज़र नहीं आता।
तू लाख बार मुकर जा अपने वादे से
मुझे अपने वादे से मुकरना नहीं आता।
उसके आँगन में जश्न-ए-ईद का माहौल है
हम अभागो को चंदा नज़र नहीं आता।
हम ही इश्क़ से पर्दा कर गए 'रिज़वाँ'
मेरे बुलाने पर, क्या वो नहीं आता ?
-रिज़वान रिज़
वो अलग बात है तू नज़र नहीं आता।
लगता है तू मेरा था, मेरा ही तो था
वरना उम्र भर यूँ याद नहीं आता।
वो कहता है कि अब मेरा नहीं है वो
उसे अपना ही साया नज़र नहीं आता।
तू लाख बार मुकर जा अपने वादे से
मुझे अपने वादे से मुकरना नहीं आता।
उसके आँगन में जश्न-ए-ईद का माहौल है
हम अभागो को चंदा नज़र नहीं आता।
हम ही इश्क़ से पर्दा कर गए 'रिज़वाँ'
मेरे बुलाने पर, क्या वो नहीं आता ?
-रिज़वान रिज़
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Thankyou...
-Rizwan Riz